अब मुहब्बत ही लुटाना चाहिए,
नफरतों को भूल जाना चाहिए.
छोड़ दो अब यार ये शर्मो हया,
रुख से पर्दा अब हटाना चाहिए
देख कर नादानियां उसकी मुझे,
इक सबक उसको सिखाना चाहिए.
राज दिल में और कितने है छिपे,
कुछ तो हमको भी बताना चाहिए
कौन अपना है, सरे महफ़िल यहाँ ,
हाल दिल का क्यूँ दिखाना चाहिए
जिस वतन की मिटटी में पैदा हुए
फर्ज तो उसका निभाना चाहिए
दीप कब तक याद उनको ही करे,
याद उनको भी तो आना चाहिए..
नफरतों को भूल जाना चाहिए.
छोड़ दो अब यार ये शर्मो हया,
रुख से पर्दा अब हटाना चाहिए
देख कर नादानियां उसकी मुझे,
इक सबक उसको सिखाना चाहिए.
राज दिल में और कितने है छिपे,
कुछ तो हमको भी बताना चाहिए
कौन अपना है, सरे महफ़िल यहाँ ,
हाल दिल का क्यूँ दिखाना चाहिए
जिस वतन की मिटटी में पैदा हुए
फर्ज तो उसका निभाना चाहिए
दीप कब तक याद उनको ही करे,
याद उनको भी तो आना चाहिए..
दीपिका"दीप"
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